Fixed Deposit (FD) एक ऐसा निवेश साधन है जो भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह निश्चित और सुनिश्चित रिटर्न भी प्रदान करता है। एफडी में निवेश करने वाले लोग आमतौर पर इसे अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चुनते हैं, जैसे कि शिक्षा, शादी या रिटायरमेंट के लिए बचत।
इस लेख में हम एफडी के टैक्स नियमों, बेहतरीन एफडी निवेश रणनीतियों और टैक्स बचाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।2025 में एफडी टैक्स नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो निवेशकों को अधिक लाभ पहुंचा सकते हैं।
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए वित्तीय राहत प्रदान करना है। इस लेख में हम इन नियमों को समझेंगे और जानेंगे कि ये कैसे प्रभावित करते हैं विभिन्न वर्गों के टैक्सपेयर्स को।
Fixed Deposit Tax Rules 2025
विशेषता | विवरण |
टीडीएस सीमा (सामान्य) | ₹50,000 प्रति वर्ष |
टीडीएस सीमा (वरिष्ठ नागरिक) | ₹1,00,000 प्रति वर्ष |
टीडीएस दर (PAN उपलब्ध) | 10% |
टीडीएस दर (PAN अनुपलब्ध) | 20% |
टैक्स बचत एफडी की अवधि | 5 वर्ष |
धारा 80C के तहत कटौती | ₹1,50,000 प्रति वर्ष |
एफडी पर टैक्स कैसे लगाया जाता है?
एफडी पर अर्जित ब्याज आय पूरी तरह से कर योग्य होती है और इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत आयकर रिटर्न में रिपोर्ट किया जाना चाहिए। यदि आपकी कुल ब्याज आय एक वित्तीय वर्ष में निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, तो बैंक टीडीएस काटने के लिए बाध्य होते हैं।
सामान्य नागरिकों के लिए: यदि आपकी ब्याज आय ₹50,000 से अधिक है, तो टीडीएस काटा जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए: यदि आपकी ब्याज आय ₹1,00,000 से अधिक है, तो टीडीएस काटा जाएगा।
टैक्स बचाने के तरीके
- फॉर्म 15G और 15H का उपयोग करें:
- फॉर्म 15G उन व्यक्तियों द्वारा भरा जा सकता है जिनकी आय कर योग्य सीमा से कम है।
- वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15H का उपयोग कर सकते हैं ताकि उनकी ब्याज आय पर टीडीएस न काटा जाए।
- एफडी निवेश का समय:
- एफडी की शुरुआत का समय इस प्रकार चुनें कि आपकी ब्याज आय दो वित्तीय वर्षों में फैल जाए।
- अलग-अलग खातों में एफडी बांटना:
- विभिन्न खातों में एफडी बांटने से आप अपनी ब्याज आय को कर योग्य सीमाओं के भीतर रख सकते हैं।
- टैक्स-सेविंग एफडी में निवेश करें:
- ये एफडी धारा 80C के तहत कटौती की अनुमति देती हैं और इनमें 5 वर्षों की लॉक-इन अवधि होती है।
बेहतरीन एफडी निवेश रणनीतियाँ
1. लैडरिंग रणनीति
लैडरिंग रणनीति में आप अपनी पूंजी को कई एफडी में विभाजित करते हैं जिनकी परिपक्वता अवधि भिन्न होती है। इससे आपको नियमित तरलता मिलती है और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होता है।
2. उच्च ब्याज दरों को लॉक करें
जब ब्याज दरें उच्च हों, तो लंबे समय तक इन दरों को लॉक करना बेहतर होता है। इसके विपरीत, जब दरें गिर रही हों, तो छोटी अवधि की एफडी चुनना बेहतर होता है ताकि भविष्य में उच्च दरों पर पुनर्निवेश किया जा सके।
निष्कर्ष
एफडी एक सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प है। हालाँकि, टैक्स नियमों और बचत रणनीतियों को समझना आवश्यक है ताकि आप अपने निवेश से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।