आयकर अधिनियम के तहत धारा 87A एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करता है। यह रिबेट उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी वार्षिक आय एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं होती है। हाल ही में, बजट 2025 में इस धारा के तहत टैक्स छूट को बढ़ाकर ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर घोषित किया गया है, जिससे नौकरीपेशा लोगों को अधिक बचत होगी।
धारा 87A के तहत, व्यक्तिगत करदाताओं को उनकी टैक्स देयता को शून्य तक कम करने की अनुमति दी जाती है, जिससे उन्हें अपनी आय का अधिक हिस्सा बचाने में मदद मिलती है। यह छूट सिर्फ व्यक्तिगत करदाताओं के लिए है, कंपनियों और फर्मों पर लागू नहीं होती है। इसके अलावा, नई टैक्स रिजीम में ₹0 से ₹4 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है, और ₹4 लाख से ₹8 लाख तक की आय पर 5% टैक्स लगता है।
धारा 87A के तहत मिलने वाली रिबेट का लाभ उठाने के लिए, आपको अपनी आयकर रिटर्न फाइल करते समय इसे दावा करना होगा। इसके लिए आपको अपने आयकर फॉर्म में धारा 87A के तहत छूट का विकल्प चुनना होगा और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
धारा 87A क्या है?
धारा 87A आयकर अधिनियम के तहत एक प्रावधान है जो व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करता है। यह रिबेट उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी वार्षिक आय एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं होती है। हाल ही में, बजट 2025 में इस धारा के तहत टैक्स छूट को बढ़ाकर ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर घोषित किया गया है, जिससे नौकरीपेशा लोगों को अधिक बचत होगी।
धारा 87A के लाभ:
- टैक्स रिबेट: व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करता है।
- आयकर बचत: आयकर देयता को शून्य तक कम करने में मदद करता है।
- व्यक्तिगत करदाताओं के लिए: सिर्फ व्यक्तिगत करदाताओं के लिए लागू होता है।
- सरल प्रक्रिया: आयकर रिटर्न फाइल करते समय आसानी से दावा किया जा सकता है।
धारा 87A का अवलोकन
विशेषता | विवरण |
---|---|
उद्देश्य | व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करना। |
लाभार्थी | व्यक्तिगत करदाता। |
आय सीमा | ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर। |
रिबेट | ₹12,500 से अधिक की रिबेट नई रिजीम में लागू हो सकती है। |
पात्रता | भारत का निवासी होना आवश्यक है। |
लाभ | आयकर देयता को शून्य तक कम करने में मदद करता है। |
कार्यान्वयन | आयकर विभाग द्वारा कार्यान्वित। |
नियम | कंपनी और फर्म पर लागू नहीं होता। |
प्रक्रिया | आयकर रिटर्न फाइल करते समय दावा किया जा सकता है। |
धारा 87A के लिए आवश्यक दस्तावेज़
धारा 87A के तहत रिबेट का दावा करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- आयकर रिटर्न फॉर्म
- बैंक खाता पासबुक
- निवास प्रमाण पत्र
धारा 87A के लिए प्रक्रिया
धारा 87A के तहत रिबेट का दावा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- आयकर रिटर्न फॉर्म भरें: सबसे पहले, आपको आयकर रिटर्न फॉर्म भरना होगा।
- धारा 87A का विकल्प चुनें: फॉर्म में धारा 87A के तहत छूट का विकल्प चुनें।
- दस्तावेज़ जमा करें: आवश्यक दस्तावेज़ों को जमा करें।
- आयकर रिटर्न जमा करें: फॉर्म भरने के बाद, इसे जमा कर दें।
- सत्यापन: आपके आयकर रिटर्न का सत्यापन किया जाएगा और यदि सब कुछ सही होता है, तो आपको आगे की प्रक्रिया के लिए सूचित किया जाएगा।
धारा 87A के लाभ
धारा 87A के कई लाभ हैं जो इसे विशेष बनाते हैं:
- टैक्स रिबेट: व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करता है।
- आयकर बचत: आयकर देयता को शून्य तक कम करने में मदद करता है।
- व्यक्तिगत करदाताओं के लिए: सिर्फ व्यक्तिगत करदाताओं के लिए लागू होता है।
- सरल प्रक्रिया: आयकर रिटर्न फाइल करते समय आसानी से दावा किया जा सकता है।
- बचत: अधिक बचत करने में मदद करता है।
धारा 87A के लिए पात्रता मानदंड
धारा 87A के तहत रिबेट का दावा करने के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
- आयु: कोई विशेष आयु सीमा नहीं है, लेकिन आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- नागरिकता: भारत का निवासी होना आवश्यक है।
- आय सीमा: ₹12.75 लाख तक की आय पर शून्य कर।
- पहले से सरकारी सहायता प्राप्त न हो: यदि आपने पहले किसी अन्य सरकारी योजना के तहत टैक्स छूट ली है, तो आप इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
धारा 87A के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- प्रश्न: धारा 87A क्या है?
उत्तर: यह आयकर अधिनियम के तहत एक प्रावधान है जो व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करता है। - प्रश्न: धारा 87A के लिए आयु सीमा क्या है?
उत्तर: कोई विशेष आयु सीमा नहीं है, लेकिन आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। - प्रश्न: धारा 87A के लिए शैक्षिक योग्यता क्या है?
उत्तर: कोई विशेष शैक्षिक योग्यता नहीं है। - प्रश्न: धारा 87A के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: आयकर रिटर्न फाइल करते समय धारा 87A के तहत छूट का विकल्प चुनें।
धारा 87A के लिए भविष्य की योजनाएं
धारा 87A के लिए भविष्य में कई योजनाएं हैं जो इसे और भी व्यापक बनाने के लिए की जा रही हैं। इसमें ऑनलाइन आयकर रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को और भी सरल बनाने की योजना शामिल है, जिससे लोग आसानी से अपने आयकर रिटर्न में धारा 87A का दावा कर सकें। इसके अलावा, इस प्रणाली को पूरे देश में लागू करने की योजना है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष
धारा 87A एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो व्यक्तिगत करदाताओं को टैक्स रिबेट प्रदान करता है। यह रिबेट न केवल आयकर देयता को शून्य तक कम करता है, बल्कि यह व्यक्तिगत करदाताओं को अधिक बचत करने में भी मदद करता है। धारा 87A के माध्यम से, लोग अपने आयकर रिटर्न में आसानी से छूट का दावा कर सकते हैं और अपनी आय का अधिक हिस्सा बचा सकते हैं।