प्रधानमंत्री की यह विशेष योजना, प्रधानमंत्री औपचारिककरण सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME), भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना 29 जून 2020 को लॉन्च की गई थी |
इसका उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में काम कर रहे छोटे उद्यमों को औपचारिक रूप दिया जाए और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जाए।
इस योजना के अंतर्गत, उद्यमियों को 10% निवेश पर 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्राप्त करने का अवसर मिलता है। यह योजना न केवल मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सहायता प्रदान करती है, बल्कि नए उद्यमियों के लिए भी एक प्लेटफार्म तैयार करती है। इस लेख में हम PMFME योजना के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें इसके लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है।
PMFME योजना का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री औपचारिककरण सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) का उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और इस क्षेत्र में काम कर रहे उद्यमियों को औपचारिक रूप देना है। यह योजना निम्नलिखित उद्देश्यों पर केंद्रित है:
- वित्तीय सहायता: सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को 35% की क्रेडिट-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी प्रदान करना।
- तकनीकी सहायता: उद्यमियों को तकनीकी प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल उन्नयन।
- ब्रांडिंग और मार्केटिंग: उत्पादों की पहचान बनाने और विपणन रणनीतियों में सहायता करना।
- संरचना विकास: सामान्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहायता प्रदान करना।
PMFME योजना का अवलोकन
विशेषताएँ | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री औपचारिककरण सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) |
लॉन्च तिथि | 29 जून 2020 |
लक्षित समूह | सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम, SHGs, FPOs |
कुल बजट | ₹10,000 करोड़ |
सब्सिडी की अधिकतम राशि | ₹10 लाख प्रति इकाई |
स्वयं की निवेश राशि | न्यूनतम 10% |
योजना की अवधि | 2020-21 से 2024-25 तक |
मुख्य उद्देश्य | औपचारिककरण और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना |
PMFME योजना के लाभ
PMFME योजना विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करती है जो सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के विकास में सहायक होती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- वित्तीय सहायता: उद्यमियों को अपने प्रोजेक्ट की लागत का 35% तक का क्रेडिट-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी प्राप्त होता है।
- ब्रांडिंग और मार्केटिंग: इस योजना के तहत ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए 50% वित्तीय अनुदान मिलता है।
- तकनीकी प्रशिक्षण: उद्यमियों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास का अवसर मिलता है।
- संरचना विकास: सामान्य संसाधनों जैसे कि प्रयोगशालाएँ, पैकेजिंग सुविधाएँ आदि स्थापित करने में सहायता मिलती है।
PMFME योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम या SHG/FPO/Cooperative का सदस्य होना चाहिए।
- आवेदक को अपने व्यवसाय का एक निश्चित प्रतिशत निवेश करना होगा (कम से कम 10%)।
आवेदन प्रक्रिया
PMFME योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है। यहाँ आवेदन करने के चरण दिए गए हैं:
- ऑनलाइन पंजीकरण: आवेदक को सबसे पहले PMFME पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा।
- आवेदन पत्र भरें: पंजीकरण के बाद, आवेदक को आवेदन पत्र भरना होगा जिसमें सभी आवश्यक जानकारी दी जानी चाहिए।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पहचान पत्र, व्यवसाय प्रमाण पत्र आदि अपलोड करें।
- सबमिट करें: सभी जानकारी भरने के बाद आवेदन पत्र सबमिट करें।
PMFME योजना की विशेषताएँ
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ दी गई हैं जो PMFME योजना को अन्य योजनाओं से अलग बनाती हैं:
- एक जिला एक उत्पाद (ODOP): इस पहल के तहत प्रत्येक जिले में एक विशेष उत्पाद को बढ़ावा दिया जाता है।
- सामान्य बुनियादी ढांचे का विकास: यह योजना सामान्य संसाधनों जैसे कि प्रयोगशालाएँ, पैकेजिंग सुविधाएँ आदि स्थापित करने में मदद करती है।
- सीड कैपिटल: SHGs के सदस्यों को ₹40,000 तक की सीड कैपिटल मिलती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री औपचारिककरण सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में छोटे उद्यमों को सशक्त बनाने में मदद करती है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है बल्कि तकनीकी प्रशिक्षण और विपणन समर्थन भी देती है। इसके माध्यम से, छोटे व्यवसाय अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा सकते हैं और एक बड़े बाजार में अपनी पहचान बना सकते हैं।
Disclaimer: यह योजना वास्तविक और सरकारी स्तर पर लागू की गई है। हालांकि, किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाने से पहले सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना आवश्यक है।